मानसिक गुलामी

Schedule

Thu, 11 Dec, 2025 at 12:00 am

UTC+05:30

Location

Uday Ganj | Lucknow, UP

Advertisement
रात को घी लगी रोटी का एक टुकड़ा चूहेदानी में रखकर हम लोग सो जाते थे।
रात को लगभग 11-12 बजे ख़ट की आवाज़ आती तो हम समझ जाते थे कि कोई चूहा फंसा है। पर चूँकि उस ज़माने में बिजली उतनी आती नहीं थी तो हमलोग सुबह तक प्रतीक्षा करते थे।
सुबह उठ कर जब हम चूहेदानी को देखते थे तो उसके कोने में हमें एक चूहा फंसा हुआ मिलता था।
*हम हिन्दू चूँकि जीव-हत्या से परहेज करते हैं* इसलिए हमारे बुजुर्ग उस चूहेदानी को उठाकर घर से दूर किसी नाले के पास ले जाते थे और वहां जाकर उसका गेट खोल देते थे ताकि वो चूहा वहां से निकल कर भाग जाए।
मगर हमें ये देखकर बड़ा ताज्जुब होता था कि गेट खोले जाने के बाबजूद भी वो चूहा वहां से भागता नहीं था *बल्कि वहीं कोने में दुबका रहता था।*
तब हमारे बुजुर्ग एक लकड़ी लेकर उससे उस चूहे को धीरे से मारते थे और भाग-भाग की आवाज़ लगाते थे पर तब भी वो चूहा अपनी जगह से टस से मस नहीं होता था।
*बार-बार उसे लकड़ी से मारने और शोर करने के बाद वो चूहा निकल कर भागता था।*
जब तक अक्ल कम थी हमेशा सोचता था कि *गेट खुला होने के बाद भी ये चूहा भागता क्यों नहीं?*
पर बाद में जब अक्ल हुई तो समझ आया कि *रात के 11-12 बजे चूहेदानी में कैद हुए चूहे ने सारी रात उस कैद से बाहर निकलने की कोशिश की होगी, हर दिशा में जाकर प्रयास किया होगा पर जब उसे ये एहसास हो गया कि अब इस कैद से मुक्ति का कोई रास्ता नहीं है तो थक-हार कर उसने अपने दिलो-दिमाग को ये समझा दिया कि अब मेरा भविष्य इस पिंजरे के अंदर ही है, इसी कैद में मुझे जीना और मरना है। इसलिए सुबह जब चूहेदानी का गेट खोल भी दिया गया तो भी उस चूहे का माइंडसेट यही बना हुआ था कि मैं तो कैद में हूँ, मैं तो गुलाम हूँ, मैं बाहर निकल ही नहीं सकता।*
_*इस माइंडसेट ने उसे ऐसा बना दिया था कि सामने खुला गेट और मुक्ति का रास्ता दिखते हुए भी उसे नहीं दिख रहा था।*_
अपना हिन्दू समाज भी ऐसा ही था। _हजारों सालों की गुलामी में हमने आजादी के लिए बहुत बार प्रयास किये पर आजादी नहीं मिली तो हमारा माइंडसेट ऐसा बन गया कि हम तो गुलामी करने के लिए ही पैदा हुए हैं, हम आजाद हो ही नहीं सकते।_
इसलिए मुग़ल गये तो हमने अंग्रेजों की गुलामी शुरू कर दी और जब अंग्रेज गये। यानि गेट खुला, तो भी हमें आजादी का रास्ता नज़र नहीं आया, हम एक वंश की गुलामी में लग गये।
वंश की गुलामी करते-करते इतने गिर गये कि हममें गुलामी करने को लेकर भी प्रतिस्पर्धा होने लगी कि कौन सबसे बेहतर गुलामी कर सकता है।
*एक खानदान की गुलामी करने में हम इतने गिरे, कि हमारे अपने नेताओं ने ही हिन्दू जाति को आतंकवाद से जोड़ दिया।*
_यानि जिस बात को कहने की हिम्मत आज तक पाकिस्तान ने भी नहीं की, वो बात गुलाम मानसिकता से ग्रस्त, हमारे अपने लोगों ने कही।_
*हम चूहे वाली माइंडसेट में थे, इसलिए समुचित प्रतिकार नहीं कर सके तो उनका हौसला और बढ़ा।*
फिर *श्रीराम और श्रीकृष्ण को 'मिथक चरित्र' घोषित कर, वो राम-सेतु जैसे हमारे आस्था-केन्द्रों को तोड़ने की ओर बढ़े।*
फिर *हमारे भाई-बांधवों का हक छीनकर मजहबी आधार पर आरक्षण की घोषणाएँ करने लगे।*
फिर एक दिन ये घोषणा कर दी कि *जिस देश को तुम्हारे पूर्वजों ने अपने खून से सींचा है, उसके संसाधनों पर पहला हक तुम्हारा नहीं है।*
हम अब भी उस चूहे वाली माइंडसेट में थे, इसलिए फिर एक दिन उन्होंने कहा कि हम *"लक्षित हिंसा बिल"* लायेंगे और साबित करेंगे कि *तुम बहुसंख्यक हिन्दू जुल्मी हो, दंगाई हो, देश के मासूम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले हो, इसलिए तुम्हारे लिए एक सख्त सजा का प्रावधान रखा जाएगा।*
इस अंतहीन काली रात के बाद अब सुबह हो गई थी, लकड़ी लेकर हमें जगाने वाला एक आदमी आ चुका था। जो हमें बता रहा था कि *अब बहुत हो चुका कैद से निकलो, गेट खुला हुआ है।*
*एक आदमी ने पूरे देश में घूम-घूम कर हमें गुलामी वाले लंबी निद्रा से जगाया, हमारे सामने खुला दरवाज़ा दिखाया। हम जागने लगे और 16 मई, 2014 को गुलामी वाले कैद से निकल गये।*
```जो नहीं निकल रहे है उनसे भी निवेदन हैं कि अब तो निकल जाइये। वैसे भी हम वो दरवाजा हमेशा के लिए तोड़ चुके हैं, आपको समझने की जरूरत हैं।
*🚩।। जय श्री राम ।।🚩*
Advertisement

Where is it happening?

Uday Ganj, Uday Ganj,Lucknow, Uttar Pradesh, India

Event Location & Nearby Stays:

Icon
Know what’s Happening Next — before everyone else does.
\u0936\u094d\u0930\u0940\u0939\u0930\u093f \u0930\u093e\u092e\u0947\u0936\u094d\u0935\u0930\u092e \u092e\u0928\u094b\u0915\u093e\u092e\u0928\u093e \u0938\u093f\u0926\u094d\u0927 \u092a\u0940\u0920 \u092e\u0902\u0926\u093f\u0930

Host or Publisher श्रीहरि रामेश्वरम मनोकामना सिद्ध पीठ मंदिर

Ask AI if this event suits you:

Discover More Events in Lucknow

ANNPOORNA AWARDS AND CHRISTMAS CARNIVAL
Thu, 11 Dec at 11:00 am ANNPOORNA AWARDS AND CHRISTMAS CARNIVAL

Golden Apple Mahanagar

CARNIVALS CHRISTMAS
Sobha company
Thu, 11 Dec at 11:30 pm Sobha company

Uday Ganj

Salana Jalsah cum Prize Distribution-2025
Fri, 12 Dec at 07:10 am Salana Jalsah cum Prize Distribution-2025

Nadwa Arabic University

Sahaj Samadhi Dhyan Meditation Workshop
Fri, 12 Dec at 07:30 am Sahaj Samadhi Dhyan Meditation Workshop

E-1302, Shalimar Gallant, Vigyan Puri, Mahanagar, Lucknow, Uttar Pradesh, India

HEALTH-WELLNESS WORKSHOPS
Northern Wood Expo 2025
Fri, 12 Dec at 10:00 am Northern Wood Expo 2025

Defence Expo Ground

BUSINESS EXHIBITIONS
Beyond an Open Mic
Sun, 26 Oct Beyond an Open Mic

Hashtag - Open Mic, Comedy, Poetry & Music Classes

OPEN-MIC PERFORMANCES
Main Tenu Phir Milangi by Laksh Maheshwari
Sat, 06 Dec Main Tenu Phir Milangi by Laksh Maheshwari

KARWAAN STUDIO: Lucknow

ART FINE-ARTS
Improv Comedy Jam
Sat, 06 Dec at 05:02 pm Improv Comedy Jam

Rage Coffee X Wat-a-Burger: Lucknow

COMEDY ENTERTAINMENT
Beyond An Open Mic
Sun, 07 Dec Beyond An Open Mic

Hashtag-Open Mic, Comedy, Poetry and Music Classes

OPEN-MIC PERFORMANCES
LUCKNOWI LAUGHTER SABHA
Sun, 07 Dec at 06:30 pm LUCKNOWI LAUGHTER SABHA

Lucknow Events Club: Lucknow

COMEDY ENTERTAINMENT
Ishq Sufiyana By Laksh Maheshwari
Sun, 07 Dec Ishq Sufiyana By Laksh Maheshwari

KARWAAN STUDIO: Lucknow

ART STORYTELLING
\u092e\u093e\u0928\u0938\u093f\u0915 \u0917\u0941\u0932\u093e\u092e\u0940
Thu, 11 Dec at 12:00 am मानसिक गुलामी

Uday Ganj

LUCKNOW OPEN MIC
Sun, 14 Dec at 12:00 pm LUCKNOW OPEN MIC

KARWAAN STUDIO (OPEN MIC)

OPEN-MIC ART
Shabd at Repertwahr Festival
Sat, 20 Dec at 03:00 pm Shabd at Repertwahr Festival

Gate No. 6 Janeshwar Misra Park: Lucknow

ART LITERARY-ART
Anurag singh Live !
Sun, 21 Dec at 07:00 pm Anurag singh Live !

Lucknow Events Club

COMEDY MEETUPS
MAJOR BHAUKALI LIVE
Sun, 21 Dec at 09:00 pm MAJOR BHAUKALI LIVE

MB Club: Lucknow

COMEDY ENTERTAINMENT
Ishq Sufiyana By Laksh Maheshwari
Sun, 28 Dec Ishq Sufiyana By Laksh Maheshwari

KARWAAN STUDIO: Lucknow

ART LITERARY-ART
Aaghaaz 2026
Sat, 21 Feb at 11:00 am Aaghaaz 2026

SheRoes Hangout Lucknow

ART LITERARY-ART

What's Happening Next in Lucknow?

Discover Lucknow Events