harbal gyan
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Mon, 20 Oct, 2025 at 05:00 am
UTC+05:30Location
Jawahar Nagar | Raipur, CT
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सुगंध बाला, जिसे हिंदी में "तगर" या "मुश्क बाला" भी कहा जातायह एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है।
इसे संस्कृत में तगर कहा जाता है। इसकी जड़ों से विशेष सुगंध आती है, और इसका उपयोग आयुर्वेद, यूनानी, और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। यह तंत्रिका तंत्र, नींद, और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के उपचार में विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।
➡️ सुगंध बाला के औषधीय उपयोग,,,
सुगंध बाला के औषधीय गुण इसके रासायनिक घटकों जैसे वेलरिएनिक एसिड, वेलरेट्स, और उड़नशील तेलों के कारण होते हैं। इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:
नींद संबंधी विकार (अनिद्रा):
सुगंधवाला एक प्राकृतिक सेडेटिव (शांतिदायक) है, जो अनिद्रा (Insomnia) के उपचार में मदद करता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और गहरी नींद को बढ़ावा देता है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का चूर्ण (1-2 ग्राम) गर्म दूध या पानी के साथ सोने से पहले लिया जा सकता है।
तनाव और चिंता (Stress and Anxiety):
यह जड़ी-बूटी तनाव, चिंता, और मानसिक अशांति को कम करने में सहायक है। यह कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का काढ़ा (10-15 मिली) दिन में एक बार लिया जा सकता है।
मिर्गी और तंत्रिका विकार...
सुगंधवाला का उपयोग मिर्गी (Epilepsy) और अन्य तंत्रिका संबंधी विकारों में तंत्रिकाओं को शांत करने के लिए किया जाता है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का चूर्ण (1 ग्राम) शहद के साथ दिन में दो बार लिया जा सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं.....
यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और अपच, कब्ज, और पेट फूलने जैसी समस्याओं में राहत देता है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का चूर्ण (0.5-1 ग्राम) भोजन के बाद पानी के साथ लिया जा सकता है।
दर्द निवारक और सूजन रोधी....
सुगंधवाला में दर्द निवारक और सूजन रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, और गठिया में राहत प्रदान करते हैं।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का तेल प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य......
यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय को शांत करने में मदद करता है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का काढ़ा (10 मिली) दिन में एक बार लिया जा सकता है।
त्वचा रोग....
सुगंधवाला की जड़ का उपयोग त्वचा रोगों जैसे खुजली और घावों के उपचार में भी किया जाता है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का लेप प्रभावित त्वचा पर लगाया जा सकता है।
मासिक धर्म संबंधी समस्याएं....
यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में सहायक है।
उपयोग: सुगंधवाला की जड़ का चूर्ण (1 ग्राम) गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
अन्य जड़ी-बूटियों के साथ नुस्खे.....
सुगंधवाला का प्रभाव अन्य जड़ी-बूटियों के साथ संयोजन में और भी बढ़ जाता है। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे दिए गए हैं:
अनिद्रा के लिए (सुगंधवाला + अश्वगंधा):
सामग्री: सुगंधवाला जड़ का चूर्ण (1 ग्राम), अश्वगंधा चूर्ण (1 ग्राम), शहद (1 चम्मच), गर्म दूध (1 गिलास)।
विधि: दोनों चूर्णों को शहद के साथ मिलाकर गर्म दूध के साथ सोने से पहले लें। यह नींद को प्रेरित करता है और तनाव को कम करता है।
तनाव और चिंता के लिए (सुगंधवाला + जटामांसी):
सामग्री: सुगंधवाला जड़ का चूर्ण (1 ग्राम), जटामांसी चूर्ण (1 ग्राम), गर्म पानी (1 कप)।
विधि: दोनों चूर्णों को गर्म पानी में मिलाकर दिन में एक बार पिएं। यह मस्तिष्क को शांत करने और चिंता को कम करने में प्रभावी है।
पाचन समस्याओं के लिए (सुगंधवाला + अजवायन):
सामग्री: सुगंधवाला जड़ का चूर्ण (0.5 ग्राम), अजवायन (1 ग्राम), सेंधा नमक (चुटकी भर), गर्म पानी (1 कप)।
विधि: सभी सामग्रियों को गर्म पानी में मिलाकर भोजन के बाद पिएं। यह अपच और पेट फूलने में राहत देता है।
जोड़ों के दर्द के लिए (सुगंधवाला + अदरक):
सामग्री: सुगंधवाला जड़ का तेल (5 मिली), अदरक का रस (1 चम्मच), नारियल तेल (10 मिली)।
विधि: सभी को मिलाकर हल्का गर्म करें और प्रभावित जोड़ों पर मालिश करें। यह दर्द और सूजन को कम करता है।
मिर्गी के लिए (सुगंधवाला + शंखपुष्पी):
सामग्री: सुगंधवाला जड़ का चूर्ण (1 ग्राम), शंखपुष्पी चूर्ण (1 ग्राम), शहद (1 चम्मच)।
विधि: दोनों चूर्णों को शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम लें। यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद करता है।
खुराक और सावधानियां....
खुराक: सामान्यतः सुगंधवाला की जड़ का चूर्ण 1-2 ग्राम, काढ़ा 10-20 मिली, या तेल 5-10 मिली की मात्रा में लिया जाता है। खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, और चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करती है।
सावधानियां....
अधिक मात्रा में सेवन से सुस्ती, चक्कर, या नींद की अधिकता हो सकती है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिकित्सक की सलाह के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसे अन्य सेडेटिव दवाओं के साथ लेने से बचें, क्योंकि यह प्रभाव को बढ़ा सकता है।
➡️ हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें।
निष्कर्ष...
सुगंधवाला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो नींद, तनाव, तंत्रिका विकार, और पाचन समस्याओं में प्रभावी है। अन्य जड़ी-बूटियों जैसे अश्वगंधा, जटामांसी, शंखपुष्पी, और अदरक के साथ इसके संयोजन से इसके लाभ और बढ़ जाते हैं। हालांकि, इसका उपयोग सावधानीपूर्वक और चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।
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